अमेरिका को बिलावल की ‘ऑपरेशन क्लास’, आतंकवाद का ‘ब्लेम गेम’ शुरू!

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

पाकिस्तान के पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो ने अमेरिका जाकर एक ऐसा बयान दिया कि अमेरिका की नींद उड़ गई। वॉशिंगटन में उन्होंने खुलकर कहा कि आतंकवाद बढ़ने का असली दोष अमेरिका की नीतियों पर है।

 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नक़लखोर: पाकिस्तान की अमेरिका यात्रा और नई बहस

भारत ने जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए सख़्ती दिखाई, वहीं पाकिस्तान भी अब अमेरिका जाकर अपने पक्ष में दलीलें पेश कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान का ये नया ड्रामा बिलावल भुट्टो के बयान से और गर्म हो गया।

बिलावल का बड़ा आरोप: अफगानिस्तान से हथियार छोड़ गए अमेरिका!

2020 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की हड़बड़ी में निकासी के बाद, कई हथियार अफगानिस्तान में छूट गए। बिलावल भुट्टो ने कहा कि ये हथियार आतंकवादी समूहों के हाथ लगे, जिससे पाकिस्तान को भारी नुक़सान हुआ और आतंकवादी घटनाएं बढ़ी।

“अमेरिका ने अफगानिस्तान से भागते हुए ‘हथियारों का बॉक्स’ छोड़ दिया, जो पाकिस्तान के लिए जहर साबित हुआ।”

अमेरिका का जवाब: ‘हमने पहले ही कर दी थी पाकिस्तान को चेतावनी’

पिछले हफ्ते ही अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ़ कहा था कि वो अपने यहां के आतंकवादी संगठनों को खत्म करे। साथ ही धार्मिक अल्पसंख्यकों—ईसाई, हिंदू और अहमदिया—को बिना भेदभाव के धार्मिक आज़ादी मिले। लेकिन बिलावल की टिप्पणी ने कूटनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।

‘ट्रंप का टाइमपास’ या ‘बिलावल की बड़बड़ाहट’?

कई विशेषज्ञ इसे बिलावल का राजनीतिक बयान कह रहे हैं, तो कुछ इसे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में नया ड्रामा मान रहे हैं।
लेकिन सोशल मीडिया पर तो लोग हँस-हँसकर पूछ रहे हैं—

“अमेरिका हथियार छोड़ गया तो पाकिस्तान को आतंकवाद का ठेका मिल गया?”

कब तक चलेगा ये ‘ब्लेम गेम’?

भारत, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच जारी इस कूटनीतिक ड्रामे में हर देश अपनी-अपनी बातें रखता रहा है। लेकिन सवाल ये है — क्या इस ‘ब्लेम गेम’ से आतंकवाद कम होगा या बस पॉलिटिक्स की आंच तेज़ होगी?

अगर आतंकवाद की जड़ अमेरिका है, तो अगली बार अमेरिका के ‘इंडिपेंडेंस डे’ पर पाकिस्तान को ‘फायरवर्क्स’ छोड़ने चाहिए — क्योंकि फिर तो आतंकवाद कहीं और नहीं होगा!

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